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अजमेर: नरसिंहानंद की हत्या के लिए उकसाने वाला वाजिद खान पुलिस की गिरफ्त में।

राजस्थान के अजमेर में पुलिस ने यति नरसिंहानंद की हत्या के लिए उकसाने और हिंदू विरोधी पोस्ट करने के आरोप में कथित पत्रकार वाजिद खान को गिरफ्तार किया है। वाजिद खान, जो कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी सक्रियता के लिए जाना जाता है, लंबे समय से इस्लामी आतंकवाद और मुस्लिम कट्टरपंथियों का समर्थन करता आ रहा था। वह न केवल हिंदू धर्म और यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसक और घृणास्पद पोस्ट करता था, बल्कि बच्चों को जिंदा जलाने जैसे आतंकवादी कृत्यों का भी समर्थन करता था। वाजिद खान द्वारा जारी की गई भड़काऊ और हिंसक पोस्टों को लेकर राजस्थान पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और उसके सोशल मीडिया कंटेंट की गहन जांच शुरू कर दी है।

यति नरसिंहानंद को दी थी हत्या की धमकी

वाजिद खान की गिरफ्तारी का मुख्य कारण यति नरसिंहानंद और उनके अनुयायियों को सोशल मीडिया पर खुलेआम मौत की धमकी देना था। 4 अक्टूबर को वाजिद खान ने सोशल मीडिया साइट X (पहले ट्विटर) पर नरसिंहानंद को धमकी दी थी। उसने अपने पोस्ट में लिखा था, “नबी ए करीम की शान में ग़ुस्ताखी करने वालों का एक ही इलाज है, वह है हज़रत अली की ज़ुल्फ़िकार।” इस पोस्ट के माध्यम से उसने नरसिंहानंद और उनके अनुयायियों को खुलेआम निशाना बनाया था। इस तरह की धमकियों के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।

X पर अकाउंट

वाजिद खान एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लंबे समय से सक्रिय था और हिंदूफोबिक कंटेंट पोस्ट कर रहा था। उसने खुद को पत्रकार बताया था और अपने बायो में ‘अल जजीरा अंग्रेजी’ लिखा हुआ था, हालांकि उसके अल जजीरा से जुड़े होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। वाजिद खान सोशल मीडिया पर इस्लामी आतंकवाद और कट्टरपंथ का समर्थन करता था। उसने कई बार आतंकवादी हमलों को सही ठहराते हुए पोस्ट किए, जिसमें निर्दोष लोगों के नरसंहार का महिमामंडन किया गया था।

हमास और यहूदियों के प्रति नफरत

वाजिद खान का विवादित ट्वीट

वाजिद खान पर यह भी आरोप है कि उसने 7 अक्टूबर को फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की वर्षगांठ के अवसर पर विवादास्पद ट्वीट्स किए थे। उसने अपने X हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा था, “7 अक्टूबर की यादगार तस्वीरें,” और इसके साथ एक हथियारबंद आतंकवादी की तस्वीर पोस्ट की थी जो एक इजरायली सैनिक को पकड़े हुए था। वाजिद ने इस पोस्ट के साथ विजय का इमोजी लगाया था और इस्लामी आतंकवादियों का महिमामंडन किया था। उसने यह भी कहा कि यह दिन किसी त्यौहार से कम नहीं है, जो इजरायल की हार की याद दिलाता है।

इसके अलावा, उसने हमास के चीफ याह्या सिनवार को “गाजा का शेर” बताया और हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले को बढ़ावा देने की कोशिश की। उसने अपने पोस्ट्स में इजरायल की सेना और यहूदी नागरिकों के खिलाफ हिंसा का समर्थन किया था, जिससे यह साबित होता है कि वाजिद खान कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा से प्रेरित था और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थक था।

राजस्थान पुलिस फिलहाल वाजिद खान के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसका किसी आतंकी नेटवर्क या देशद्रोही तत्वों के साथ संबंध है या नहीं। पुलिस उसकी गतिविधियों और संपर्कों की गहन जांच कर रही है ताकि इस मामले में किसी बड़े षड्यंत्र का पता लगाया जा सके।

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