Homeभारतहाथरस: पैसों की लालच में सगे भाई-बहन ने रचाई शादी, रिश्तों की...

हाथरस: पैसों की लालच में सगे भाई-बहन ने रचाई शादी, रिश्तों की मर्यादा तार-तार।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हुए विवाह कार्यक्रम में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य लोगों को विवाह के खर्चों से राहत दिलाना है, लेकिन कुछ लोगों ने इसका दुरुपयोग करते हुए फर्जी शादियां कर दीं। ऐसी ही एक घटना में सिकंदराराऊ क्षेत्र के एक भाई और बहन ने कथित तौर पर आपस में शादी कर ली, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी लाभ हासिल करना था।

सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा

15 दिसंबर 2023 को हाथरस में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कुल 217 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ था। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत, दुल्हन के बैंक खाते में 35,000 रुपये जमा किए जाते हैं, साथ ही जोड़े को 10,000 रुपये के आवश्यक सामान भी प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, विवाह समारोह के खर्च के लिए 6,000 रुपये दिए जाते हैं। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद का प्रयास किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसके तहत मिलने वाले पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

भाई-बहन ने आपस मे शादी कर ली

सिकंदराराऊ के रहने वाले एक भाई-बहन पर आरोप है कि उन्होंने सामूहिक विवाह योजना के तहत पैसे प्राप्त करने के लिए आपस में शादी कर ली। इस घटना की जानकारी स्थानीय निवासियों को मिली, जिन्होंने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता आशीष कुमार ने बताया कि उन्होंने इस विवाह की चर्चा सुनी थी, जिसके बाद उन्होंने नगरपालिका से शादी की फोटो निकलवाई और उचित शिकायत की। इस मामले में कथित तौर पर भाई का नाम जय और बहन का नाम सुशीला बताया जा रहा है।

पहले से शादीशुदा थी सुशीला

आरोपों के अनुसार, सुशीला पहले से ही शादीशुदा थी और उसके बच्चे भी हैं। यह मामला और भी गंभीर इसलिए हो गया क्योंकि इस विवाह को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था। शिकायत के बाद नगर पालिका प्रशासन ने मामले की जांच कराई और जांच में शिकायत सही पाई गई। सिकंदराराऊ नगरपालिका के ईओ श्री चंद ने बताया कि इस मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी, जिसने पुष्टि की कि भाई-बहन ने वास्तव में सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी की थी।

सरकारी कर्मचारी पर आरोप

मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई कि नगर पालिका के एक कर्मचारी ने इन फर्जी शादियों को मंजूरी दी थी। उक्त कर्मचारी ने योजनाबद्ध तरीके से इन शादियों को वैध माना और विवाह के लिए पात्रता प्रदान की। इस घटना के बाद कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और जो सामान और पैसा उन्हें मिला था, उसे वापस ले लिया गया है।

सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग

इस घटना ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के दुरुपयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने इन योजनाओं को लोगों के भले के लिए शुरू किया है, लेकिन कुछ लोग सरकारी पैसे के लालच में इनका दुरुपयोग कर रहे हे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!