राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड के आरोपी जावेद को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह निर्णय गुरुवार को सुनाया। जावेद की जमानत 2 लाख रुपये के मुचलके और 1 लाख रुपये की राशि पर मंजूर की गई है।
जावेद की ओर से पेश याचिका में तर्क दिया गया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केवल कॉल डिटेल्स के आधार पर उसे गिरफ्तार किया, जबकि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि घटना स्थल पर उसकी उपस्थिति के प्रमाण, जैसे मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज, उपलब्ध नहीं हैं। जावेद लंबे समय से जेल में बंद है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जावेद हत्याकांड की साजिश में शामिल था। उसने ही मुख्य आरोपियों को कन्हैयालाल की दुकान में उसकी उपस्थिति की सूचना दी थी। ऐसे में उसकी रिहाई से न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जावेद को जमानत देने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि 28 जून, 2022 को उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की निर्मम हत्या कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था। इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैलाया था। मामले की जांच करते हुए एनआईए ने मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। एनआईए ने इन आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की थी। इससे पहले आरोपी फरहाद मोहम्मद को भी जमानत मिल चुकी है, जबकि पाकिस्तानी निवासी आरोपी सलमान और अबू इब्राहिम अभी भी फरार हैं।
जावेद को कन्हैयालाल की हत्या के 20 दिन बाद एनआईए ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी से एक दिन पहले मिलने और घटना की जानकारी रखने का आरोप था। इसके अलावा, उसके घर की तलाशी के दौरान एक बिना धार वाली तलवार भी बरामद हुई थी, जिसके कारण उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।