Homeविश्लेषणहरियाणा मे कांग्रेस-आप गठबंधन जनता को ठगने की राजनीति है?

हरियाणा मे कांग्रेस-आप गठबंधन जनता को ठगने की राजनीति है?

जितेन्द्र हर्ष ( राजनीति विश्लेषक)

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं, और इस बार चुनावी मैदान में राजनीतिक समीकरणों का खेल दिलचस्प मोड़ ले रहा है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ही पार्टियाँ अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में जुटी हैं, लेकिन कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की हालिया बैठक में राहुल गांधी का एक कदम चर्चा का विषय बन गया है। राहुल गांधी ने इस बैठक में हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन की संभावना पर विचार करने की बात कही, जिससे पार्टी के भीतर और बाहर हलचल मच गई है।

राहुल गांधी ने अपने नेताओं से AAP के साथ गठबंधन पर राय माँगी है, जो कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम हो सकता है। हरियाणा में AAP और कांग्रेस का गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी चर्चा में रहा था, लेकिन अंततः दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। राहुल गांधी की यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति पहले जैसी मजबूत नहीं है। पार्टी के भीतर गुटबाजी, सत्ता संघर्ष और स्थानीय नेतृत्व में एकजुटता की कमी कांग्रेस को कमजोर कर रही है। ऐसे में AAP के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए राजनीतिक जोखिम को कम करने का एक तरीका हो सकता है।

हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख नेता और लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा ने पहले ही गठबंधन की संभावना से इंकार किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस राज्य में मजबूत स्थिति में है और अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, राहुल गांधी का गठबंधन पर जोर देना यह संकेत देता है कि उन्हें लगता है कि पार्टी उतनी मजबूत नहीं है जितनी पहले थी। हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए, AAP के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस को गैर-जाट वोट बैंक को साधने में मदद मिल सकती है, जो बीजेपी की राजनीतिक रणनीति के खिलाफ एक प्रभावी कदम हो सकता है।

हरियाणा में बीजेपी की राजनीति का एक बड़ा हिस्सा “नॉन-जाट” वोट बैंक पर आधारित है। बीजेपी ने लगातार नॉन-जाट समुदायों को साधने की कोशिश की है, जिनमें दलित, ओबीसी और सामान्य वर्ग शामिल हैं। जाट वोटों का बंटवारा कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बीच होना तय है। ऐसे में अगर कांग्रेस को नॉन-जाट वोट नहीं मिलते, तो पार्टी के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। राहुल गांधी का AAP के साथ गठबंधन की बात करना इस संदर्भ में भी देखा जा सकता है कि कांग्रेस बीजेपी की नॉन-जाट राजनीति को तोड़ने के लिए एक नया गठबंधन तलाश रही है।

दिल्ली और पंजाब में AAP-कांग्रेस संबंध: एक विरोधाभास

दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और AAP के बीच तीखा राजनीतिक संघर्ष रहा है। दोनों राज्यों में ये पार्टियाँ एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरती हैं। दिल्ली में AAP की सरकार है और कांग्रेस वहाँ विपक्ष की भूमिका में है, जबकि पंजाब में AAP ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है। ऐसे में हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन करने की बात करना विरोधाभासी लगता है। यह सवाल उठता है कि जब दिल्ली और पंजाब में ये पार्टियाँ एक-दूसरे की विरोधी हैं, तो हरियाणा में गठबंधन का क्या औचित्य हो सकता है?

बीजेपी के खिलाफ गठबंधन: क्या जनता को ठगने का प्रयास?

यह स्पष्ट है कि हरियाणा में कांग्रेस और AAP के बीच संभावित गठबंधन का मकसद बीजेपी को चुनावी मुकाबले में हराना है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि जब दोनों पार्टियों के राजनीतिक विचार और एजेंडे अलग-अलग हैं, तो यह गठबंधन कितना टिकाऊ और प्रभावी होगा। क्या यह केवल एक अवसरवादी कदम है, जिसका उद्देश्य सिर्फ बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है?कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के गठबंधन जनता को ठगने का एक प्रयास है, जहाँ राजनीतिक दल अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सत्ता हासिल करने के लिए साथ आते हैं। यदि गठबंधन का उद्देश्य केवल बीजेपी को हराना है, तो यह गठबंधन लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा, क्योंकि सत्ता हासिल करने के बाद वैचारिक मतभेद फिर से उभर सकते हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन के कई सियासी मायने हैं। राहुल गांधी का यह दांव हरियाणा की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन यह गठबंधन कितनी दूर तक जाएगा, यह समय ही बताएगा। यदि कांग्रेस और AAP गठबंधन करते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए नॉन-जाट वोट बैंक को साधने का एक अवसर हो सकता है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि यह गठबंधन केवल सत्ता हासिल करने के लिए किया गया एक कदम हो सकता है। जनता को यह तय करना होगा कि वे इस गठबंधन को कैसे देखते हैं—एक राजनीतिक चाल के रूप में या एक सच्चे गठबंधन के रूप में।

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!