भारत में मोदी सरकार बहुत जल्दी वक़्फ़ बोर्ड के ऊपर अब अंकुश लगाने की तैयारी मे हे। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार वक़्फ़ एक्ट मे 40 से या उससे ज्यादा संसोधन करने की तैयारी मे हे। जिसमे एक विधेयक मे वक्फ बोर्ड किसी भी ज़मीन को अपनी सम्पति को अपना घोषित करने पर रोक लगाई जाएगी। सूत्रों के अनुसार 2 अगस्त को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस विधेयक को मंजूरी मिल गयी हे।पूरे देश मे वफ्क बोर्ड के पास सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा सम्पति हे। इसके अलावा सबसे बड़ा बदलाव महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व भी ला सकती हे। वक्फ बोर्ड करीब 9,40,000 एकड़ में फैली करीब 8,70,000 संपत्तियों की रखरखाव करता है। वहीं साल 2013 में यूपीए सरकार मतलब मन मोहन सिंह ने वक्फ कानून में संशोधन करके और मजबूती प्रदान की थी।
वैसे वफ्क बोर्ड पहली बार वर्ष 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद इसे निरस्त कर दिया गया। फिर साल 1995 में एक नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया, जिसमें वक्फ बोर्डों को और भी अधिक अधिकार दिए गए। फिर फिर जब मनमोहन सिंह यूपी सरकार में प्रधानमंत्री बने तब वफ्क़ बोर्ड को और ज्यादा शक्ति प्रदान कर दिया गया। वक्फ बोर्डों किसी की भी संपत्ति पर हक जमाने के असीमित अधिकार मिल गए, जिसे किसी भी अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकती थी। इसका कांग्रेस ने इसका इस्तेमाल 2014 के लोकसभा चुनाव मे किया दिल्ली में 123 प्रमुख संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दीं।
मनमोहन सिंह ने वफ्क़ बोर्ड की शक्तियां बढ़ा कर हिन्दुओ को बहुत नुकसान किया हिंदुओं की हजारों एकड़ जमीन छीनी जा चुकी है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने हिंदू मंदिर सहित 6 गांवों को वक्फ संपत्ति घोषित किया है। अवैध मजार और मस्जिदों को धीरे-धीरे वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति घोषित कर रहा है। ये बहुत हैरानी की बात हे की किसी भी मुस्लिम देश मे ऐसा कोई क़ानून नहीं हे लेकिन कांग्रेस ने ये क़ानून देकर भारत के हिन्दूओ के साथ बहुत गलत किया गया।