Homeविश्लेषणभारत की ताकत ही भारत को कमजोरी बन गयी।

भारत की ताकत ही भारत को कमजोरी बन गयी।

विश्लेषक (मोहित बारासा ) भारत श्रीलंका से 27 साल बाद द्विपक्षी सीरीज ।

भारतीय टीम श्रीलंका में तीन एक एकदिवसीय श्रृंखला खेलने खेलने गई थी। जहा पर भारत को 27 साल बाद श्रीलंका के अंदर विपक्ष सीरीज में 2-0 श्रृंखला शर्मनाक तरीके से हारनी पड़ी। ऐसा लग रहा था ऐसालग रहा था श्रृंखला से पहले की भारतीय टीम श्रीलंका का 3-0 से श्रृंखला में सफाई कर देगी क्योंकि भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा के के साथ सभी खिलाड़ी अच्छे फॉर्म में थे जिसमें के चेस मास्टर विराट कोहली भी शामिल थे। शुभमन गिल भी बहुत अच्छी का में चल रहे थे और श्रेयस अय्यर मैं बहुत अच्छे बल्लेबाज बन जाते हैं। विकेटकीपर के रूप में केएल राहुल या ऋषभपंत भी बहुत अच्छी फॉर्म मे थे। ऑल राउंडर के रूप में अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर और शिवम दुबे टीम को मजबूती देते थे। मोहम्मद सिराज श्रीलंका के सामने बहुत अच्छे रिकॉर्ड हे। और अरशदीप सिंह अभी बहुत अच्छी फार्म चल रहे हैं। यह सब सिर्फ श्रृंखला से पहले ही माना जाता था लेकिन जब सांखला शुरू हुई तब श्रीलंकाई टीम ने भारतीय टीम के सारे विश्लेषण खराब कर दिए।

भारतीय टीम क्यों हरीश पर हम बात करते हैं तो इसमें सबसे बड़ा जो कमजोर नाम है वह है भारतीय ऑलराउंडर शिवम दुबे। शिवम दुबे जिस तरह से क्रिकेट खेल रहे थे आईपीएल में वह क्रिकेट सिर्फ आईपीएल में ही देखने को मिली उसके बाद शिवम दुबे बाली वर्ल्ड कप T20 के अंदर हो या श्रीलंका के सामने वनडे एक दिवस से मैच किस सीरीज में हो ना मुझे स्पिन बॉल खेली जा रही थी और ना फास्ट बॉल। शिवम दुबे ने भारतीय टीम को कमजोरी बनाकर रख दिया था जो रोज शिवम दुबे को दिया गया था उसे रोल के हिसाब से खरे नहीं उतरे उल्टा टीम पर भार साबित हु

भारतीय टीम जब टीम के सिलेक्शन हुआ तब बी भारतीय टीम से बहुत बड़ी गलती हुई। गलती यह हुई कि श्रीलंका के पिच जहां पर स्पिन खेलना बहुत मुश्किल था कुछ पिच के ऊपर भारत ने अपने सबसे अनुभवी और चालक स्पिनर युजवेंद्र चहल को टीम में नहीं रखा गया जिसके कारण श्रीलंका की टीम 220- 240 का स्कोर बनाने में कामयाब रही। कुलदीप यादव को एक छोर से साथ नहीं मिला। इस श्रृंखला में मोहम्मद सिराज की भी इस फार्म अच्छी नहीं रही। अक्षर पटेल काफी हद तक अच्छी गेंदबाजी करी पर बल्लेबाजी में अक्षर पटेल कुछ ज्यादा नहीं कर पाए। वाशिंगटन सुंदर को ऑलराउंडर के हिसाब से टीम में लिया गया था लेकिन वाशिंगटन सुंदर ठीक-ठाक प्रदर्शन कर पाए लेकिन बल्लेबाजी में थोड़ा पैसे झेल नहीं पाए। अगर युजवेंद्र चहल को नहीं लेना चाहते थे तो रूपा स्पिनर रवि बिश्नोई को टीम में ले लेते तो श्रीलंका के पिच के ऊपर बहुत प्रभाव छोड़ते क्योंकि उनकी गूगल बहुत तेज है। फिर भी युजवेंद्र चहल को टीम में लेना चाहिए था क्योंकि चहल के पास बहुत वेरिएशन हे।

अब अगर बल्लेबाजी की बात करें तो पूरी टीम ने बल्लेबाजी में निराश किया है। एकमात्र भारतीय टीम का जो सफल बल्लेबज रहा वह वह बल्लेबाज कप्तान रोहित शर्मा थे जिन्होंने तीनों बच्चों के अंदर अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी शैली वाली बल्लेबाजी की। जिसमें तीन मैच में दो तो अर्थशतक है। शुभमन गिल रोहित शर्मा के साथ ओपन करते थे लेकिन उन्होंने एक एंकर की भूमिका जब तक निभाई जब तक रोहित शर्मा सामने अलग अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे। जैसे ही पहला विकेट रोहित शर्मा का होता शुभमन गिल का दूसरा विकेट अपना बन जाता। भारतीय टीम के सबसे अच्छे भरोसेमंद बल्लेबाज विराट कोहली इस श्रृंखला में स्पिनर के सामने कमजोर नजर आए। हालांकि वह धीरे-धीरेस्कोर बनाने की कोशिश करते लेकिन श्रीलंकाई स्पिनर के सामने विराट कोहली बिल्कुल ही असहज नजर आए। केएल राहुल ने कुछ खास जी कर पाए आईआरबी दबाव में दब गए। बाकी शिवम दुबे की बात ना करें तो बेहतर होगा। शिवम दुबे विक्की जगह अगर रिंकू सिंह को टीम में ले लेते हैं तो शायद आज श्रृंखला कापरिणाम कुछ और होता।

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!