गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर पर 4 अक्टूबर 2024 को मुस्लिम समुदाय की बड़ी भीड़ एकत्रित हो गई, जिसने मंदिर में घुसने की कोशिश की और उन्मादी नारे लगाए। इस घटना से मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं में डर फैल गया, जिन्हें पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला। इस घटना ने हिंदू समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया, जिन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की माँग की है।
मामले में ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर का नाम उभरकर सामने आया है, जिन्हें इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। डॉ. उदिता त्यागी, भाजपा नेत्री और घटना की चश्मदीद, ने जुबैर और अन्य आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। उनकी शिकायत के अनुसार, जुबैर, असदुद्दीन ओवैसी, और अरशद मदनी ने मुस्लिम समुदाय को इस हमले के लिए भड़काया था।
डॉ. उदिता ने अपनी शिकायत में इसे यति नरसिंहानंद गिरी की हत्या की साजिश बताया और आरोप लगाया कि इस हमले में बाहर से आए मुस्लिम लोग भी शामिल थे। उन्होंने पुलिस पर यति नरसिंहानंद को अवैध तरीके से हिरासत में लेने का भी आरोप लगाया है।
गाजियाबाद के कवि नगर थाने में जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, हिंदू संगठनों ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने की माँग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी माँग पूरी नहीं हुई, तो 13 अक्टूबर 2024 को एक महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसे ऐतिहासिक बताया जा रहा है।
डॉ. उदिता ने अपने वीडियो बयान में जुबैर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की अपील की और कहा कि जुबैर हिंदू समाज के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जुबैर ने हिंदूवादी नेताओं की एक सूची बनाई है, जो कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं।