मोहम्मद अजहरुद्दीन, भारत के पूर्व कप्तान और हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के पूर्व अध्यक्ष, पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने अजहरुद्दीन को समन भेजा है। उन पर आरोप है कि HCA के फंड में लगभग 20 करोड़ रुपये का दुरुपयोग हुआ, जिसका उपयोग राजीव गांधी स्टेडियम के डीजल जनरेटर, फायरफाइटिंग सिस्टम और कैनोपी के लिए आवंटित किया गया था। ED का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े ठेके निजी कंपनियों को उच्च दरों पर दिए गए, जिससे एसोसिएशन को भारी नुकसान हुआ।
हालांकि अजहरुद्दीन को गुरुवार को ED के सामने पेश होना था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इस मामले की जांच को लेकर ED ने तेलंगाना में 9 स्थानों पर छापेमारी की थी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अजहरुद्दीन 2019 में HCA के अध्यक्ष बने थे, लेकिन 2021 में उन्हें इस पद से हटना पड़ा था।
यह पहली बार नहीं है जब अजहरुद्दीन विवादों में घिरे हैं। इससे पहले उन पर 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने इस प्रतिबंध को गैरकानूनी घोषित करते हुए उन्हें राहत दी थी।
अजहरुद्दीन का भारतीय क्रिकेट में योगदान महत्वपूर्ण रहा है। वे भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने 47 टेस्ट और 174 वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की, जिसमें उनकी कप्तानी में भारत ने 14 टेस्ट और 90 वनडे मैच जीते। उन्होंने अपने करियर में 99 टेस्ट मैचों में 6215 रन और 334 वनडे मैचों में 9378 रन बनाए, जिसमें 7 शतक और 58 अर्धशतक शामिल हैं।