मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक गंभीर सुरक्षा घटना सामने आई है, जहाँ रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर पाए जाने के बाद सुरक्षाबलों और रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। यह घटना 18 सितंबर 2024 को सागफाटा इलाके में घटी, जब जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही आर्मी स्पेशल ट्रेन के लोको पायलट ने अचानक ट्रैक पर विस्फोटों की आवाज सुनी। इस ट्रेन में अधिकतर भारतीय सेना के जवान और अधिकारी सफर कर रहे थे। ट्रेन को तुरंत रोका गया, जिससे एक बड़े हादसे को टाल दिया गया।
डेटोनेटर मिलने के बाद रेलवे अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत जाँच शुरू की। अब इस मामले में पुलिस ने 23 सितंबर 2024 को साबिर नाम के एक रेलवे कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। साबिर की गिरफ्तारी ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है, क्योंकि वह रेलवे का ही कर्मचारी है और डेटोनेटर को पटरी पर रखने में उसकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA), एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) उससे पूछताछ कर रही हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि डेटोनेटर पटरी पर रखने के पीछे साजिश थी या यह सिर्फ एक शरारत थी।
रेल मंत्रालय ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश जारी किए हैं। मामला सेना से जुड़ा होने के कारण अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। यह आशंका जताई जा रही है कि डेटोनेटर उस ट्रेन को बेपटरी करने के मकसद से रखे गए थे, ताकि ट्रेन में सफर कर रहे भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को नुकसान पहुँचाया जा सके। हालाँकि, जांच अभी जारी है और एजेंसियाँ डेटोनेटर की पृष्ठभूमि और इसे पटरी पर रखने के असली मकसद का पता लगाने में जुटी हैं।
इस बीच, सेंट्रल रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला का बयान भी सामने आया है। उन्होंने बताया कि बरामद डेटोनेटर रेलवे द्वारा ही प्रयोग में लाए जाते हैं, लेकिन जिस स्थान पर ये पाए गए, वहाँ उनका होना अनुचित था। आमतौर पर ये डेटोनेटर कोहरे या धुंध के समय ट्रेनों को रोकने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनके जोरदार धमाके से ट्रेन चालक को अलर्ट मिलता है और वह ट्रेन को धीरे-धीरे रोक देता है, लेकिन इस मामले में डेटोनेटर का उपयोग संदिग्ध था और जाँच एजेंसियाँ इसे एक संभावित साजिश के तौर पर देख रही हैं।
घटना के बाद से रेलवे और सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हैं। उन्होंने पूरे मामले की गहराई से जाँच शुरू कर दी है। रेल मंत्रालय ने इस पर ध्यान देते हुए अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सेना की सुरक्षा को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी गई है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
साबिर की गिरफ्तारी ने इस मामले को और अधिक जटिल बना दिया है। अब तक की जाँच से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह साजिश थी या नहीं, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए हर पहलू की बारीकी से जाँच की जा रही है।