तकनीक के इस युग में साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें हैकर्स ने भारत के सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को निशाना बनाया है। इस हमले में हैकर्स ने चैनल का नाम बदलकर ‘Ripple’ कर दिया और चैनल पर सुप्रीम कोर्ट से संबंधित वीडियो हटाकर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े वीडियो अपलोड कर दिए हैं। यह घटना इस कारण भी गंभीर मानी जा रही है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट एक प्रमुख न्यायिक संस्था है, जिसके पास कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामले होते हैं।
साइबर सुरक्षा पर चिंता
इस घटना ने साइबर सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई है। यद्यपि फिलहाल तक इस यूट्यूब चैनल के हैक होने से सुप्रीम कोर्ट के किसी भी गोपनीय दस्तावेज को खतरा नहीं बताया गया है, लेकिन इस तरह की घटनाओं ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। विशेष रूप से यह देखा जा रहा है कि क्या यूट्यूब चैनल पर हुए इस हमले के बाद कोर्ट की अन्य वेबसाइटों या ऑनलाइन प्लेटफार्मों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
कहां से हुआ हमला?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हैकर्स ने इस साइबर अटैक को कहां से अंजाम दिया है। जांच एजेंसियां मामले की गहनता से जांच कर रही हैं, लेकिन अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस तरह के साइबर हमले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किए जा सकते हैं, इसलिए जांच एजेंसियों के लिए यह पता लगाना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है कि आखिर हमलावर कौन हैं और उन्होंने इस हमले को कहां से अंजाम दिया।
2018 में भी हुई थी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट हैक
यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट को साइबर हमले का सामना करना पड़ा है। 2018 में भी सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट हैक कर ली गई थी। उस समय भी हैकर्स ने वेबसाइट को ठप कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट के डिजिटल प्लेटफार्म को बाधित किया था। हालांकि, उस वक्त भी हमलावरों का पता नहीं चल पाया था।