वाराणसी के प्रमुख मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने का विवाद गहराता जा रहा है। हाल ही में शहर के बड़ा गणेश मंदिर सहित 14 अन्य मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमाएं हटा दी गईं, जिसके बाद साईं भक्तों में आक्रोश फैल गया है। केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने दावा किया है कि काशी में केवल पारंपरिक हिंदू देवताओं की पूजा होनी चाहिए। शर्मा के अनुसार, गणेश मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में साईं बाबा की मूर्तियों का कोई स्थान नहीं है, और उन्हें हटाना आवश्यक है।
मूर्तियों को हटाने का कारण
अजय शर्मा ने कहा, “गणेश मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति का क्या काम?” उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म में केवल पंच देवों – सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति, और गणपति – की पूजा की जाती है, और मंदिरों में किसी मृत व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करना शास्त्रों के विरुद्ध है। शर्मा ने कहा कि अभी तक 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दी गई हैं और जल्द ही 28 और मंदिरों से इन्हें हटाने की योजना है।
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि साईं बाबा के रूप में चांद मियां को एक षड्यंत्र के तहत सनातन धर्म से जोड़ा गया है, जिससे आस्थावान हिंदुओं को उनके मूल धर्म से दूर किया जा रहा है। उन्होंने काशी के अन्य मंदिरों के महंतों और पुजारियों से आग्रह किया कि वे साईं बाबा की मूर्तियों को ससम्मान अपने मंदिरों से हटा दें। अभी तक काशी के केदार खंड क्षेत्र में 14 मंदिरों से मूर्तियां हटाई जा चुकी हैं।
साईं भक्तों का विरोध
साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने के बाद शहर के साईं भक्तों में गहरी नाराजगी फैल गई है। इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए साईं भक्तों ने विरोध प्रदर्शन किया और एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक के बाद “श्री साईं सेवक बनारस दल” का गठन किया गया, जो साईं बाबा की प्रतिमाओं को हटाने के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
श्री साईं सेवक बनारस दल के अध्यक्ष अभिषेक कुमार श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह कदम बनारस और देश का माहौल खराब करने की एक सोची-समझी साजिश है। श्रीवास्तव ने कहा कि साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने से लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं और इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है।
साईं सेवक दल के सदस्य अब मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे पुलिस कमिश्नर से मिलकर मंदिरों की सुरक्षा की मांग करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि आगे किसी भी मंदिर से साईं बाबा की प्रतिमा न हटाई जाए।
ब्राह्मण महासभा की प्रतिक्रिया
ब्राह्मण महासभा ने साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने के अपने कदम को धार्मिक शुद्धता का हिस्सा बताया है। महासभा के अनुसार, हिंदू मंदिरों में केवल परंपरागत देवताओं की ही मूर्तियां स्थापित की जानी चाहिए, और किसी भी मृत व्यक्ति की पूजा हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार वर्जित है। अजय शर्मा ने कहा कि हिंदू धर्म में देवताओं के स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है, और साईं बाबा की मूर्ति का मंदिरों में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।