शनिवार की सुबह मध्य प्रदेश के जबलपुर के पास सोमनाथ एक्सप्रेस की दो बोगियां पटरी से उतर गईं। यह घटना सुबह लगभग 5:50 बजे हुई जब ट्रेन जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास पहुँच रही थी। गनीमत यह रही कि ट्रेन की गति बहुत धीमी थी, जिसके कारण कोई बड़ी क्षति नहीं हुई और किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई। ट्रेन, जिसका नंबर 22191 है, इंदौर से जबलपुर के बीच चलती है और जब यह घटना हुई, तब यह जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 के पास पहुंच रही थी।
घटना का विवरण
यह दुर्घटना जबलपुर स्टेशन से केवल 150 मीटर की दूरी पर हुई, जब ट्रेन लगभग “डेड स्टॉप” यानी ठहरने की गति पर थी। इसी समय, ट्रेन के दो आगे के डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि, चूंकि ट्रेन की गति बहुत धीमी थी, इसलिए घटना का प्रभाव सीमित रहा और यात्रियों को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई।
रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हर्षित श्रीवास्तव ने घटना की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “ट्रेन जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास आ रही थी, तभी यह पटरी से उतरने की घटना घटी। सभी यात्री सुरक्षित हैं और ट्रेन की गति बहुत धीमी होने के कारण नुकसान भी बहुत कम हुआ है।”
त्वरित कदम उठाए गए
दुर्घटना के तुरंत बाद, रेलवे अधिकारियों ने राहत कार्य शुरू कर दिए। ट्रेन को पटरी पर वापस लाने और यातायात को पुनः बहाल करने के प्रयास तुरंत शुरू किए गए। यात्री इस घटना से बहुत घबराए नहीं क्योंकि ट्रेन की गति बेहद कम थी और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। घटना के बाद, अधिकारियों ने सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से निकाल लिया और आगे की यात्रा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को हुए असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया और जल्द से जल्द ट्रैक को ठीक करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने जांच के आदेश भी दिए हैं ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे मेंटेनेंस के नियमों का पालन किया जा रहा है, और रेलवे सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
हालांकि, घटना के समय अधिकतर यात्री ट्रेन के धीमी गति के कारण सुरक्षित रहे, फिर भी कुछ यात्रियों ने हल्की घबराहट महसूस की। एक यात्री ने कहा, “हम सभी सो रहे थे जब यह घटना हुई। अचानक हमें हल्का झटका महसूस हुआ, लेकिन कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। सभी सुरक्षित हैं, और रेलवे अधिकारियों ने तुरंत हमारी मदद की।”
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, लेकिन रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं दुर्लभ हैं और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।