मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक झड़पें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार सुबह जिरीबाम जिले में हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया है। राज्य में पिछले कुछ हफ्तों से शांति की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन हालिया घटनाएं पूर्वोत्तर भारत को एक बार फिर से हिंसा की आग में झुलसा रही हैं। इससे पहले रॉकेट अटैक के बाद राज्य में दहशत का माहौल छाया हुआ था, लेकिन अब नए सिरे से हिंसक झड़पों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
जिरीबाम जिले में शनिवार सुबह हिंसा की घटना के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई, जब वह सो रहा था। उग्रवादियों ने जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर सुनसान स्थान पर स्थित उसके घर में घुसकर उसे गोली मार दी। इस घटना के कुछ ही देर बाद, करीब 7 किलोमीटर दूर दो विरोधी समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में 3 उग्रवादियों सहित 4 लोगों की जान चली गई।
पुलिस अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों समुदायों के बीच तनाव लंबे समय से जारी है और हिंसा के नए दौर ने राज्य की स्थिति को और नाजुक बना दिया है। राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों ने विशेष अभियान भी चलाया है। इस अभियान के तहत चुराचांदपुर जिले में उग्रवादियों के तीन बंकरों को नष्ट कर दिया गया है। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को उग्रवादियों पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
मणिपुर में बीते कुछ महीनों से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच टकराव बढ़ा है, जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हिंसा की इस ताजा घटना ने राज्य प्रशासन और सुरक्षा बलों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार की कोशिशें शांति बहाल करने की हैं, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।