जयपुर के एक होटल में एक अकाउंटेंट ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतक सुनील कुमावत (30), जो कि बगरू रीको स्थित किस्टल पॉइंट में एक अकाउंटेंट के रूप में काम कर रहा था, ने 26 अगस्त को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मरने से पहले सुनील ने वॉट्सऐप स्टेटस पर अपनी एक तस्वीर के साथ चार पेज का सुसाइड नोट लगाया, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार एक व्यक्ति प्रभात को ठहराया।
सुनील कुमावत, दहमी कला बगरू के निवासी थे और अपने माता-पिता, भाई-भाभी, पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ रहते थे। उनके बच्चे मात्र पांच और तीन साल के हैं। घटना के दिन, सुनील सुबह अपने नियमित कार्य के लिए घर से निकले थे, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटे। रात 9:30 बजे जब परिवार ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि वह थोड़ी देर में घर आ जाएंगे। लेकिन घर लौटने की बजाय, वह छीतरोली स्थित रिद्धि-सिद्धि होटल में गए, जहां उन्होंने रात बिताने के लिए एक कमरा किराए पर लिया।
देर रात, सुनील ने अपने होटल के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उन्होंने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने प्रभात नाम के व्यक्ति के अत्याचारों का जिक्र किया। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि प्रभात उन्हें लगातार धमका रहा था और खुद को महापुरा का “डॉन” बता रहा था। प्रभात ने यह दावा किया कि वह किसी से नहीं डरता और पुलिस भी उसके सामने बेबस है। सुनील ने लिखा कि वह प्रभात की धमकियों से तंग आकर आत्महत्या कर रहा है और उसे उम्रकैद की सजा होनी चाहिए।
सुनील के भाई ओमप्रकाश कुमावत ने बताया कि उन्होंने रात को कई बार सुनील को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। ओमप्रकाश ने कहा कि वे पहले की तरह सोच रहे थे कि सुनील किसी रिश्तेदार या दोस्त के घर गया होगा, इसलिए वे सो गए। अगली सुबह जब उन्होंने वॉट्सऐप स्टेटस चेक किया, तो सुनील की फोटो के साथ सुसाइड नोट देखकर वे स्तब्ध रह गए। अनहोनी की आशंका के चलते वे तुरंत बगरू थाने पहुंचे और पुलिस को घटना की सूचना दी।
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर छीतरोली स्थित होटल की पहचान की और वहां पहुंची। होटल के बाहर पार्किंग में सुनील की बाइक खड़ी मिली। होटल स्टाफ से पूछताछ के बाद, पुलिस सुनील के कमरे तक पहुंची, जो अंदर से बंद था। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर कमरे में प्रवेश किया, जहां उन्होंने सुनील का शव फंदे से लटका हुआ पाया। पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए CHC बगरू की मॉर्च्युरी भिजवाया।
इस दुखद घटना ने पूरे समाज में चिंता की लहर पैदा कर दी है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और प्रभात के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सुनील के परिवार में गहरा शोक है और वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि समाज में कानून और व्यवस्था की स्थिति क्या है और कमजोर वर्गों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
मेरा नाम सुनील कुमावत है। मैं दहमी बालाजी रीको रोड पर रहता हूं। मेरा जन्म 2 अप्रैल 1994 को हुआ था। मैं रीको में किस्टल पॉइंट में अकाउंटेंट हूं। मेरे घरवाले बहुत अच्छे हैं। पापा, भाई-बहन सब अच्छे हैं। वाइफ और बच्चे भी अच्छे हैं। मैं पहले केशव प्लाइवुड में काम करता था। वहां 3 साल अकाउंटेंट था। वहां पर 18-20 लड़के काम करते थे, उसमें से एक प्रभात नाम का लड़का भी था। वह महापुरा में रहता था। प्रभात जाट ने मेरे से 1.40 लाख रुपए ले रखे थे। मैं उससे पैसे मांगता तो वह मुझे बोलता की दूंगा, पैसे आने दे। वो देता नहीं था। उसको बोलते-बोलते 2 साल हो गए, लेकिन पैसे नहीं दिए। मैं अब पैसे मंगता हूं तो वो मेरे को मारने की धमकी देता था। कहता है कि आने दे, जब दूंगा पैसे अभी नहीं है।
रक्षाबंधन (19 अगस्त) के दिन मैं वाइफ को आसलपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सांभर के लिए बैठाने गया था। उस दिन प्रभात जाट और उसके साथ एक लड़का और था। इन्होंने महला से लेकर बोराज तक मुझे बहुत परेशान किया। मैंने वाइफ को कुछ नहीं बोला। फिर में वाइफ को ट्रेन में बैठाकर वापस आ रहा था। आसलपुर और बोराज के बीच में वो खड़े थे। उन्होंने मुझे रुकवाया। मेरे पास से 13 हजार 500 रुपए और डेबिट कार्ड छीन लिया। मेरी बाइक को पंचर कर चले गए। मैंने उनको बोला कि मैं पुलिस को बोलूंगा। वो बोले तू पुलिस को बोलेगा तो तेरे को और घरवालों को मार दूंगा। फिर चले गए।
प्रभात जाट का सुबह (20 अगस्त) मेरे पास कॉल आया कि महेंद्रा सेज के पास तेरे पैसे लेने आ जा। तेरे को पूरे पैसे दे दूंगा। मैंने बोला कि मैं नहीं आ सकता, आप मुझे फोन-पे करवा दो। वो बोला- हमारे पास कैश है। फिर मैंने बोला कि ठीक है, आ जाऊंगा। उन्होंने बोला कि 11:30 बजे आना, मैंने बोला ठीक है। वहां गया तो 12-15 लड़के थे, उसमें प्रभात नहीं था। फिर मैंने प्रभात को कॉल किया कि तू नहीं आया। बोला- मेरे आदमी आ रखे हैं न। वो तुझे पैसे दे देंगे। फिर उन लड़कों ने मुझे मारा और बोले- पैसे भूल जा नहीं तो यहां से तेरी लाश जाएगी। धमकाया- पुलिस को बताया तो तेरे घरवाले और तुझे मार देंगे।
उसके बाद प्रभात का फोन आया। बोला- मिल गए पैसे। उसने फोन पर गाली देकर मारने की धमकी दी। सुनील ने आगे लिखा- मेरी पुलिस से विनती है कि प्रभात को सजा मिलनी चाहिए। उम्र कैद की सजा मिलनी चाहिए। जो प्रभात ने मेरे साथ किया है, वो किसी के साथ नहीं करें। मैं आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे मरने का कारण प्रभात जाट है। मैं उससे दुखी होकर मेरी जान दे रहा हूं। मेरी बगरू पुलिस से यही विनती है। उसको उम्र कैद की सजा मिलनी चाहिए। अब मैं कुछ नहीं बोलूंगा, मैं अपनी जान दे रहा हूं। उसका पूरा नाम प्रभात रूडला है, जो महापुरा का है।