उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली शहजादी, जो वर्तमान में दुबई की जेल में कैद है, को 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी की सजा दी जा सकती है। इस खबर के बाद शहजादी के माता-पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है। उनकी बेटी को फांसी से बचाने के लिए वे सरकार से अपील कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर दोस्ती से शुरू हुई थी कहानी
शहजादी के पिता के अनुसार, उनकी बेटी की फेसबुक पर उजैर नाम के युवक से दोस्ती हुई थी, जो आगरा का रहने वाला है। उजैर ने शहजादी से कहा कि उसकी बुआ और फूफा अबू धाबी में रहते हैं और शहजादी को भी वहां जाने का प्रस्ताव दिया। इलाज का झांसा देकर शहजादी दुबई चली गई, लेकिन वहां उसके साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटने लगीं।
बच्चे की मौत का आरोप
दुबई में उजैर के रिश्तेदारों के चार महीने के बच्चे की तबीयत अचानक खराब हो गई और उसे एक इंजेक्शन लगाया गया। बच्चे की हालत और बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिवार ने बच्चे की मौत का इल्जाम शहजादी पर लगा दिया। शहजादी के पिता का कहना है कि उनकी बेटी से जबरन हस्ताक्षर कराए गए, जिसमें उसे हत्या का दोषी बताया गया।
बिना पोस्टमार्टम दफनाया गया बच्चा
शहजादी के पिता ने आरोप लगाया कि बच्चे को बिना पोस्टमार्टम किए दफना दिया गया और उनकी बेटी को साजिश के तहत फंसाया गया। इस मामले में दुबई की अदालत ने चार महीने पहले शहजादी को हत्या का दोषी मानते हुए उसे मौत की सजा सुना दी। अब उसके माता-पिता न्याय की मांग कर रहे हैं।
सरकार से मदद की गुहार
शहजादी के पिता ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी से गुहार लगाई है कि दुबई में बातचीत करके मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने फोन पर रो-रोकर अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद से परिवार का बुरा हाल है। उन्हें डर है कि 20 सितंबर के बाद कभी भी उनकी बेटी को फांसी दी जा सकती है।
शहजादी का चेहरा जलने का हादसा
शहजादी के जीवन की एक और दर्दनाक घटना तब हुई जब वह आठ साल की थी। खाना बनाते समय उसका चेहरा जल गया था, और उसी झुलसे चेहरे के साथ वह बड़ी हुई। फेसबुक पर उजैर ने उसे दुबई में चेहरे का इलाज कराने का प्रस्ताव दिया, जिसके कारण वह दुबई जाने के लिए राजी हो गई।