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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा में योगदान को समर्पित विश्व छात्र दिवस।

डॉ. कलाम के प्रेरणादायक जीवन और शिक्षा में योगदान को याद करते हुए हर साल 15 अक्टूबर को यह दिन मनाया जाता है।

हर साल 15 अक्टूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को समर्पित है। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन डॉ. कलाम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्हें ‘भारत के मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है, जो देश के 11वें राष्ट्रपति और एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में काम करते हुए भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ. कलाम की शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए 2010 में 15 अक्टूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। हालांकि, यह दिन मुख्य रूप से भारत में ही मनाया जाता है और इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी मान्यता प्राप्त है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन सफर

स्व. रतन टाटा के साथ डॉ. अब्दुल कलाम

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के छोटे से शहर रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने उन्हें शिक्षा और मेहनत का महत्व सिखाया। उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में काम किया और भारत को अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विश्व छात्र दिवस 2024: कैसे मनाया जाता है?

1. शैक्षिक कार्यशालाओं का आयोजन: स्कूलों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नेतृत्व जैसे विषयों पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है।

2. छात्र-नेतृत्व वाली पहल: इस दिन छात्रों को सामुदायिक सेवा की जिम्मेदारी दी जाती है, जहां वे सफाई अभियान या छोटे बच्चों के लिए शैक्षिक सत्र आयोजित करते हैं।

3. प्रेरणादायक उद्धरणों का प्रदर्शन: स्कूलों में डॉ. कलाम के प्रेरणादायक उद्धरणों की दीवार लगाई जाती है। छात्र इन उद्धरणों को साझा कर उनके महत्व पर चर्चा करते हैं, जिससे कक्षा में प्रेरणा का माहौल बनता है।

विश्व छात्र दिवस पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के प्रसिद्ध उद्धरण:

“आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे।” इस उद्धरण के माध्यम से डॉ. कलाम ने सपनों और महत्वाकांक्षाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।

“सीखना रचनात्मकता को बढ़ावा देता है; रचनात्मकता सोच को प्रेरित करती है; सोच ज्ञान उत्पन्न करती है; और ज्ञान आपको ऊंचाइयों पर ले जाता है।

” यह कथन शिक्षा की शक्ति को दर्शाता है और छात्रों को ज्ञान को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।“यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलें।

” इस उद्धरण में डॉ. कलाम ने सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता को उजागर किया है।

क्यों मनाया जाता है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में?

डॉ. कलाम को शिक्षा और युवाओं के विकास में उनके काम के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता दी गई और 2010 में उनके जन्मदिन को ‘विश्व छात्र दिवस’ घोषित किया गया। उन्होंने हमेशा छात्रों को भविष्य के नेता और समाज में क्रांति लाने वाले के रूप में देखा। डॉ. कलाम ने शिक्षा के महत्व को अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से निरंतर रेखांकित किया। वे छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते थे।

इस दिन का उद्देश्य न केवल डॉ. कलाम को सम्मान देना है, बल्कि छात्रों को प्रेरित करना और उन्हें यह याद दिलाना है कि शिक्षा और मेहनत ही सफलता की कुंजी हैं।

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