अक्टूबर का महीना शुरू होते ही त्योहारों की शुरुआत के साथ ही कई महत्वपूर्ण नियमों में भी बदलाव हो रहे हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में पेश किए गए बजट में कुछ खास ऐलान किए गए थे, जिनमें से कई टैक्स और निवेश से जुड़े नियम 1 अक्टूबर से लागू हो रहे हैं। यह बदलाव न केवल निवेशकों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे। खासतौर पर शेयर बाजार में निवेश करने वालों को इन बदलावों के चलते नए टैक्स नियमों का सामना करना पड़ेगा।
मोबाइल यूजर्स के लिए नया TRAI नियम
मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए, 1 अक्टूबर से नया नियम लागू हो रहा है, जिसे टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने पेश किया है। इस नियम के तहत मोबाइल उपभोक्ता अपने एरिया के नेटवर्क की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और अनचाही स्पैम कॉल्स से राहत पा सकेंगे। TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्पैम कॉल्स की लिस्ट तैयार करें और ओटीपी लिंक केवल मैसेज के जरिए भेजें। यह नियम पहले 1 सितंबर से लागू होने वाला था, लेकिन इसे 1 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
सुकन्या समृद्धि योजना में बदलाव
बेटी की शादी और शिक्षा के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में भी 1 अक्टूबर से नए नियम लागू हो रहे हैं। नए नियमों के तहत अब SSY खाता केवल बच्ची के माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही खोल सकेंगे। यदि खाते को कानूनी अभिभावक द्वारा नहीं खोला गया है, तो अब उसे असली माता-पिता या कानूनी अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर करना होगा। इसके अलावा, अगर किसी के पास दो से अधिक SSY खाते हैं, तो अतिरिक्त खाता बंद कराना अनिवार्य होगा।
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स में बढ़ोतरी
शेयर बायबैक से हुई कमाई पर लाभान्वित व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा। इसके साथ ही, फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) की दरों में वृद्धि की गई है। अब F&O ट्रेडिंग पर क्रमशः 0.02% और 0.1% तक STT बढ़ाया गया है। यह बदलाव डेरिवेटिव मार्केट में स्पेकुलेटिव गतिविधियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से किया गया है।
शेयरों के बाय बैक पर टैक्स
शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए यह सबसे बड़ा बदलाव होगा। 1 अक्टूबर से शेयरों के बायबैक (Buyback) पर टैक्स लागू होगा। इस नए नियम के तहत बायबैक से मिलने वाली राशि पर शेयरधारकों को डिविडेंड की तरह टैक्स देना होगा। इसके अलावा, किसी भी कैपिटल गेन या लॉस की गणना करते समय शेयरों की अधिग्रहण लागत को ध्यान में रखा जाएगा। इससे बायबैक का विकल्प चुनने वाले निवेशकों पर कर बोझ बढ़ जाएगा, क्योंकि अब कैपिटल गेन पर सीधा टैक्स लगेगा।
पैन-आधार से जुड़े नियमों में बदलाव
1 अक्टूबर से पैन अलॉटमेंट के लिए आवेदन करते समय आधार एनरोलमेंट आईडी का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। नए नियम के अनुसार, अपने आयकर रिटर्न में भी आधार एनरोलमेंट आईडी का उल्लेख नहीं किया जा सकेगा। यह बदलाव पैन कार्ड के दुरुपयोग और डुप्लिकेशन को रोकने के लिए किया गया है। केंद्रीय बजट 2024 में इस प्रावधान को रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया गया था, जो अब 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।