राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई में एक बोरवेल के पास हुए गड्ढे में 2 साल की बच्ची नीरू 17 घंटे तक फंसी रही, जिसे अंततः सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बुधवार शाम करीब 4 बजे खेलते वक्त नीरू बोरवेल में गिर गई थी, जिसके बाद तुरंत प्रशासन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया।
बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ ने एक जटिल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बोरवेल के पास 35 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया और पाइप की मदद से 20 फीट लंबी सुरंग बनाई गई, जिससे होकर नीरू को सुरक्षित निकाला जा सका। इस ऑपरेशन में एक एलएनटी, 4 जेसीबी और टो ट्रैक्टर की मदद ली गई। हालांकि बीच-बीच में बारिश ने बचाव कार्य में रुकावटें डालीं, लेकिन एनडीआरएफ की टीम ने पूरी रात ऑपरेशन जारी रखा।
रात भर के प्रयासों के बाद, गुरुवार सुबह 10:10 बजे बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मौके पर दौसा के जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार, एसपी रंजीता शर्मा समेत प्रशासन के कई अधिकारी उपस्थित रहे।
नीरू को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। पूरे घटनाक्रम के दौरान स्थानीय लोग और प्रशासन ने मिलकर बच्ची को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।यह घटना एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा और खुले बोरवेल्स के प्रति सतर्कता की आवश्यकता को उजागर करती है। हालांकि यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था, लेकिन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य स्थानीय बचाव दलों के साहसिक प्रयासों से नन्हीं नीरू की जिंदगी बचाई जा सकी।
बच्ची बोरवेल मे गिरने कि घटना
राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई में दो साल की नीरू 600 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। यह हादसा बुधवार शाम हुआ, जब नीरू घर के पास खेल रही थी। सूचना मिलते ही राज्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (SDRF और NDRF) की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बच्ची को बचाने के लिए 35 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया और 20 फीट का सुरंग बनाया गया था मौके पर जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार, एसपी रंजीता शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। नीरू की मां, कविता गुर्जर की हालत बेहद खराब रही । बच्ची को केले और चॉकलेट पहुंचाए गए, लेकिन अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हो गया और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।