कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा को लेकर हाल के महीनों में चल रही गहन जांच के बाद राज्य सरकार ने बेकरी उत्पादों में हानिकारक रसायनों के उपयोग को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है। राज्य में हाल ही में स्ट्रीट फूड जैसे कॉटन कैंडी और गोबी मंचूरियन में कृत्रिम रंगों, जैसे रोडामाइन-B, के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। अब, बेकरी उत्पादों में भी ऐसे ही खतरनाक रसायन पाए जाने के कारण सरकार ने इसे लेकर गंभीर कदम उठाए हैं।
केक में पाए गए खतरनाक रसायन
कर्नाटक खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में किए गए परीक्षणों में कुछ केक के नमूनों में कैंसरकारी पदार्थ पाए गए हैं। ये रसायन खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 और 2011 के खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत सख्त रूप से नियंत्रित किए जाते हैं। अधिकारी ने चेतावनी दी कि राज्य की सभी बेकरी को तुरंत खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा आयुक्त श्रीनिवास के ने बेकरी मालिकों को आगाह किया कि वे अपने उत्पादों में हानिकारक रसायनों और एडिटिव्स का उपयोग न करें। बेंगलुरु की कुछ बेकरी से एकत्र किए गए केक के नमूनों की जांच में खतरनाक रसायनों की उपस्थिति की पुष्टि हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं।
12 नमूनों में पाए गए खतरनाक रंग
कर्नाटक खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता विभाग के अनुसार, “235 केक के नमूनों में से 12 नमूनों में आर्टिफिशियल रंग पाए गए हैं, जिनमें Allura Red, Sunset Yellow FCF, Ponceau 4R, Tartrazine, और Carmoisine शामिल हैं। इन रंगों की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक थी, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। ये रसायन आमतौर पर केक, विशेष रूप से रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट केक की सजावट के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनका अत्यधिक उपयोग कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जोड़ा गया है।
“रिपोर्ट के अनुसार, इन रसायनों का अत्यधिक उपयोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बेकरी मालिकों को सख्त हिदायत दी है कि वे इन हानिकारक रसायनों का उपयोग न करें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अन्य खाद्य पदार्थों की भी हुई जांच
केवल बेकरी उत्पाद ही नहीं, बल्कि कर्नाटक में अन्य खाद्य पदार्थों की भी हाल के महीनों में व्यापक जांच की गई है। अगस्त में, 221 पनीर और 65 खोया के नमूनों की जांच की गई, जिसमें एक-एक नमूना मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। इसी तरह, रेलवे स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर भी खाद्य निरीक्षण किया गया, जिसमें कई मामलों में खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन पाया गया।
सरकार का सख्त रुख
कर्नाटक सरकार ने साफ कर दिया है कि खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बेकरी उत्पादों में अनधिकृत रंगों और रसायनों का उपयोग जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है, और ऐसे मामलों में सरकार सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग ने सभी खाद्य विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि वे अपने उत्पादों को जांच कर, निर्धारित मानकों के अनुसार बनाएं।
खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने यह भी कहा कि यदि बेकरी और अन्य खाद्य उत्पादक तुरंत आवश्यक सुधार नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ जुर्माने से लेकर लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई की जा सकती है।