कानपुर: कालिंदी एक्सप्रेस के साथ एक बड़ी घटना होते-होते टल गई, जब ट्रेन के ड्राइवर ने रेलवे ट्रैक पर रखा गैस सिलेंडर देख लिया। एडिशनल कमिश्नर हरीश चंद्र ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई, जिससे ट्रेन की गति धीमी हो गई और टक्कर से पहले सिलेंडर ट्रेन से टकराकर दूर जा गिरा। इस दौरान सिलेंडर से एक धमाके जैसी आवाज आई। फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से अन्य सबूत इकट्ठे कर लिए हैं, जिनकी जांच जारी है। एसीपी ने आशंका जताई कि यह एक आतंकी साजिश हो सकती है, हालांकि उन्होंने जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर पहुंचने से इंकार किया है।
जानकारी के अनुसार, कालिंदी एक्सप्रेस प्रयागराज से कानपुर सेंट्रल होते हुए भिवानी जा रही थी। शिवराजपुर के पास ट्रेन अचानक किसी लोहे की चीज से टकरा गई। चालक ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाई, जिससे ट्रेन रोकी जा सकी। घटना की सूचना मिलने के बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची।
जांच के दौरान आरपीएफ इंस्पेक्टर ओपी मीणा की टीम ने लगभग 200 मीटर दूर से एक भरा हुआ सिलेंडर बरामद किया। इसके अलावा, जांच के दौरान अन्य संदिग्ध वस्तुएं भी मिलीं। इनमें पीले रंग के तरल पदार्थ से भरी एक बोतल और सफेद पाउडर जैसी एक संदिग्ध चीज भी बरामद हुई है, जिसकी जांच की जा रही है।
घटना के बाद ट्रेन को थोड़े समय के लिए रोका गया, लेकिन रेलवे ट्रैक पर कोई नुकसान नहीं हुआ और ट्रेन को जल्द ही आगे के सफर पर रवाना कर दिया गया। इस घटना के बाद रेल मार्ग पर परिचालन सामान्य रूप से जारी रहा।
इससे पहले, पिछले महीने कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस के 22 कोच पटरी से उतर गए थे, जब ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रैक पर रखा बोल्डर देखा था। हालांकि, उस समय ब्रेक पूरी तरह से काम नहीं कर पाए और ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। उस हादसे की जांच में भी पुलिस के साथ आईबी को शामिल किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है।
कानपुर मे आठ साल पहले नवंबर 2016 में पटना-इंदौर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 152 लोगों की मौत हुई थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि वह हादसा प्राकृतिक नहीं था, बल्कि जानबूझकर किया गया था। इस साजिश का मास्टरमाइंड दुबई से संचालित हुआ था, जिसने स्थानीय अपराधियों को रेलवे ट्रैक में गड़बड़ी करने की तकनीकी ट्रेनिंग दी थी। उस समय बिहार से मोती पासवान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जिसने दुबई के मास्टरमाइंड के साथ मिलकर यह साजिश रची थी।
पुलिस और फॉरेंसिक टीम द्वारा चल रही जांच से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस बार भी कानपुर की घटना के पीछे कोई संगठित साजिश है या फिर यह एक अलग प्रकार की आपराधिक गतिविधि है।