उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के टोटोरा गांव के 18 वर्षीय छात्र अतुल कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की अलॉट सीट पर उन्हें दाखिला दिया जाएगा। यह फैसला तब आया जब छात्र आर्थिक तंगी के कारण 17,500 रुपये की फीस समय पर जमा नहीं कर पाया था और इस वजह से उसका एडमिशन रद्द हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि अतुल कुमार जैसे प्रतिभाशाली छात्र, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं, उन्हें दाखिले से वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने आईआईटी धनबाद को निर्देश दिया कि अतुल को छात्रावास और सभी अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि वर्तमान में दाखिला ले चुके छात्रों के एडमिशन पर कोई असर न हो और अतुल को अतिरिक्त सीट पर दाखिला दिया जाए।
अतुल की आर्थिक स्थिति बनी कारण:
फीस न जमा कर पाने के बाद अतुल ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। फिर उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट में केस दायर किया, जहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अंततः अतुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां उनकी पहली सुनवाई 24 सितंबर को हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए अतुल के पक्ष में निर्णय दिया।