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विजय की फिल्म ‘द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम’ रिलीज़: क्या दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरी?

श्याम सुन्दर व्यास (फ़िल्म समीक्षक )

तमिल सुपरस्टार विजय की बहुप्रतीक्षित फिल्म द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम (GOAT) आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। यह फिल्म विजय के राजनीतिक करियर में कदम रखने से पहले उनकी दूसरी आखिरी फिल्म है। मंकथा जैसी ब्लॉकबस्टर देने वाले निर्देशक वेंकट प्रभु ने इस बार विजय के साथ क्या वही जादू दोहराया है? आइए जानते हैं।

कहानी

गांधी (विजय) और उसके तीन दोस्त स्पेशल एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (SATS) के सदस्य होते हैं। एक मिशन के दौरान, गांधी का बेटा, जीवन (विजय) थाईलैंड के पटाया में अपहरण हो जाता है। स्थानीय पुलिस दावा करती है कि जीवन की एक दुर्घटना में मौत हो चुकी है। कहानी इसी रहस्य पर केंद्रित है कि क्या जीवन वाकई मर चुका है, और यह हादसा गांधी के निजी और पेशेवर जीवन को कैसे प्रभावित करता है।

कलाकारो कि एक्टिंग

विजय ने गांधी और जीवन दोनों भूमिकाओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उनका स्टाइल, कॉमेडी टाइमिंग और इमोशनल सीन में दमदार अदाकारी सराहनीय है। खासतौर पर त्रिशा के साथ उनका डांस सीक्वेंस दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देता है।

स्नेहा ने अपने बेटे को खोने वाली माँ की भूमिका अच्छे से निभाई है। योगी बाबू ने ‘डायमंड बाबू’ के रूप में दूसरे हाफ में बेहतरीन कॉमेडी की है। प्रशांत, प्रभु देवा और अन्य कलाकारों का प्रदर्शन औसत है। वहीं, शिवकार्तिकेयन की क्लाइमेक्स में छोटी भूमिका ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

परदे के पीछे

युवान शंकर राजा का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के कमजोर पहलू साबित होते हैं। फिल्म की कुछ बेहतरीन सीन भी उनकी खराब बीजीएम के कारण सही ढंग से उभर नहीं पाए। SPARK गाने की कोरियोग्राफी और संगीत दोनों ही निराशाजनक हैं।

फिल्म की एडिटिंग भी कमजोर है, खासतौर पर क्लाइमेक्स में फिल्म को लगभग 20 मिनट छोटा किया जा सकता था। हालांकि, सिद्धार्थ नूनी की सिनेमैटोग्राफी अच्छी है, और विजय के डी-एजिंग लुक पर काफी मेहनत की गई है, जो स्क्रीन पर अच्छा दिखता

निर्देशन

वेंकट प्रभु ने फिल्म के पहले हाफ में मनोरंजन और ट्विस्ट्स के साथ एक अच्छी शुरुआत की, लेकिन दूसरे हाफ में कहानी की पकड़ कमजोर पड़ गई। विशेष रूप से गांधी और जीवन के बीच के कैट-एंड-माउस गेम को बेहतर तरीके से लिखा जा सकता था। फिल्म में कई ट्विस्ट हैं, लेकिन वे सभी पूर्वानुमानित हैं।

वेंकट प्रभु ने क्लाइमेक्स में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और महेंद्र सिंह धोनी के प्रशंसक तत्वों को बड़े पैमाने पर उपयोग किया है, जो CSK फैंस को भा सकता है। हालांकि, सामान्य दर्शकों के लिए यह थोड़ा अधिक खिंचा हुआ महसूस होता है।

एक बार देखने लायक़

द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम एक बार देखने लायक फिल्म है, जिसमें विजय की अदाकारी, कुछ मजेदार पल और ट्विस्ट हैं। हालांकि, कमजोर संगीत, लंबा क्लाइमेक्स और पूर्वानुमानित ट्विस्ट इसे बड़ी हिट बनने से रोकते हैं। विजय के फैंस और CSK प्रशंसकों के बीच फिल्म को पसंद किया जा सकता है, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसकी लंबी दौड़ मुश्किल लग रही है।

RATING 3/4

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