Homeज्योतिष/धर्म19 अगस्त 2024 को रक्षा बंधन का मुहूर्त। रक्षा बंधन म नाने...

19 अगस्त 2024 को रक्षा बंधन का मुहूर्त। रक्षा बंधन म नाने का कारण भी जाने।

आज 19 अगस्त 2024 को रक्षा बंधन का त्यौहार है और ये पर्व भाई बहनो के लिए इतना महत्वपूर्ण और पवित्र त्यौहार होता है। रक्षा बंधन हमेशा श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मानाया जाता है। सनातन धर्म मे जैसे हर पवित्र और नई चीज का मुहूर्त होता है वैसे ही रक्षा बंधन पर्व का भी मुहूर्त होता है। बहने अपने भाई की कलाई पर राखी शुभ मुहूर्त मे बांधती है। राखी को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। बहने अपने भाई को राखी उसकी लम्बी और स्वस्थ सुखी जीवन के लिए बांधती है इसके बदले भाई भी अपनी बहनो को रक्षा करने का वचन देता है और हर भाई का अधिकार भी होता है की वो अपनी बहन की रक्षा करें। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि कोई भी बहन अपने भाई को भद्राकाल पर राखी नहीं बनती बांधती है। इसीलिए ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ज्योतिष बताते है की बहने अपने भाई की कलाई पर राखी कब बांधे। ज्योतिष इसके लिए मुहूर्त भी निकालते है। तो देखते हैं कि 19 अगस्त 2024 को राखी बांधने का मुहूर्त कब का है

भद्रा काल कब है जानते हैं – 19 अगस्त को भद्राकाल का साया 02.21 बजे से दोपहर 01.30 बजे तक रहने वाला है। तो इस भद्रा काल के अनुसार बहाने अपने भाई को राखी 19 अगस्त को दिन में 1:30 बजे के बाद ही बांधना शुरू करेगी। भद्रा काल में कोई भी बहन अपने भाई को राखी बांधना पसंद नहीं करती है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि भद्रा अगर पाताल में हो तो धरती पर कोई भी कार्य बाधित नहीं करता। कुछ बड़े-बड़े ज्योतिष आचार्य के अनुसार मानना है की चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्रा पाताल में मान्य होगी। इसलिए कुछ मैंने अपने भाई को शुभ मुहूर्त देखकर राखी बांध सकती है। फिर भी कुछ ज्योतिष आचार्य को कहना है की राखी भद्रा के बाद ही बांधे।

राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त – ज्योतिष आचार्य के अनुसार 19 अगस्त 2024 को राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर 1.32 बजे से रात 9.08 बजे तक है। इस रक्षाबंधन को सावन का आखिरी सोमवार भी पड़ रहा है। शो बहुत विशेष है। इसके अलावा इस रक्षाबंधन को बहुत अच्छे और शुभ योग बन रहे हैं। 19 अगस्त सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग और शोभन योग भी है। जो इस रक्षाबंधन को बहुत ही अद्भुत बना रहा है।

रक्षा बंधन क्यों मनाई जाती है – रक्षाबंधन बनाने के इतिहास में अलग-अलग कहानी है।

पहली कहानी महाभारत काल की है कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल का अपने सुदर्शन चक्र से वध किया था जब सुदर्शन चक्र के कारण भगवान श्री कृष्णा उंगली में चोट आई और खून बहने लगा तब द्रौपदी ने अपने साड़ी का पल्लू फाड़ के भगवान श्री कृष्ण की उंगली पर बांधा। तब भगवान श्री कृष्णा ने द्रोपदी को हर मुश्किल समय में रक्षा करने का वचन दिया। आगे चलकर जब द्रोपदी का चीर हरण हो रहा था तब भगवान श्री कृष्ण ने रक्षा करने का अपना वचन निभाया।

दूसरी कहानी भी महाभारत से ही जुड़ी हुई है जब वहां पर व्यक्तित्व हुआ था। तब युधिष्ठिर बहुत दुखी था क्योंकि उनकी सी कौरवों के मुकाबले छोटी थी। युधिष्ठिर को यही डर था कि मेरे सैनिको कुछ हो गया तो तो मैं किसको क्या जवाब दूंगा? तब भगवान श्री कृष्ण ने बोला कि तुम अपने सैनिकों को रक्षा सूत्र बाँधो और उनसे रक्षा करने का वचन लो। भगवान श्री कृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर ने ऐसे ही किया और आगे चलकर पांडवों की महाभारत में जीत हुई। युधिष्ठिर ने अपने सैनिकों को रक्षा सूत्र सावन माह की पूर्णिमा को ही बाँधा था इसीलिए रक्षाबंधन हमेशा सावन माह की पूर्णिमा को आती है।

इसके अलावा रक्षाबंधन की और भी कहीं पौराणिक कहानीया है। इसीलिए सनातन धर्म में रक्षाबंधन पर्व का महत्व बहुत भाई बहनों के लिए पवित्र होता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!