सनातन धर्म मे साल मे 12 बार शिवरात्रि आती हे और हर महीने की शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाई जाती। 12 शिवरात्रि मे महाशिवरात्रि और सावन मे आने वाली शिवरात्रि का महत्व बहुत विशेष हे और ये दोनों शिवरात्रि बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। इस बार 2024मे सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी कहा जाता हे की महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि को शिव जी की सबसे प्रिय शिवरात्रि मानी जाती है। ऐसी मान्यता भी हे की इस दिन शिव पूजन व उनका जलाभिषेक करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के लिए शिवालयों में भक्तों की भीड़ रहती है और शिव लिंग का अभिषेक होता हे। मासिक शिवरात्रि पर शिव भक्त व्रत रखते हे और काँवड़िया काँवड़ से शिव का जल अभिषेक भी करते हे।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहर्त – इस साल सावन शिवरात्रि पर काफी दुर्लभ योग बन रहे हैं। ऐसे में शिव जी की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी।
सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- रात 07:11 से रात 09:49 तक रहेगा।
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- रात 09:49 से देर रात 12:27बजे तक रहेगा।
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- देर रात 12:27 से 03:06 बजे तक रहेगा।
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 3 अगस्त की सुबह 03:06 से सुबह 05:44 बजे तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10:59 AM से 3 अगस्त को सुबह 05:44 तक
निशिता मुहूर्त- 3 अगस्त को सुबह 12:06 से 12:49 तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक
इस बार सावन शिवरात्रि 19 साल बाद आर्द्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी. आर्द्रा नक्षत्र के देवता रूद्र (शिव) माने गए हैं. आर्द्रा नक्षत्र 1 अगस्त को सुबह 10.24 से शुरू होगा और 2 अगस्त 2024 को सुबह 10.59 पर समाप्त होगा।
भगवान शिव को शिवरात्रि पर अभिषेक करने की विधि – जब भी आप भगवान शिव का अभिषेक करें तो शिव मंत्र ॐ नमः शिवायः का जाप जरुर करें या फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।घर से ही नहाकर सिर्फ पीताम्बरी या धोती पहनकर घर से ही लौटे मे जल लेकर शिवालय/शिव मंदिर जाए। फिर शिवलिंग में जल चढ़ाए । इसके साथ ही जल या गंगा जल चढ़ाएं। उसके बाद दूध, दही, घी, शहद चीनी से उनका अभिषेक करें। फिर मौली, जनेऊ, चावल, फूल, बेलपत्र, सफेद चंदन, धतूरा, आक का फूल, भांग, माला, फूल, कनेर, गुलाब या अपराजिता के फूल, शमी पत्र, भस्म, मौसमी फल के साथ भोग लगाएं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिव मंत्र का जाप कर लें।