भारत मे सनातन धर्म का बहुत सम्मान हे। और ऐसे सावन महीने की अमावस के बाद जो पंचमी आती हे उसको नाग पंचमी कहते हे। नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा होती हे। इस बार 9 अगस्त को नाग पंचमी हे और और ये मान्यता हे की इस दिन सांप को दूध पिलाना चाहिए। बहुत सारे लोग साँपो को दूध पिलाने के लिए सपेरो के पास जाते और साँपो को भोजन करवाते हे। सावन की पंचमी होने के कारण ये इस दिन शिवजी की पूजा अभिषेक किया जाता हे और शिव पर जो सांप हे उसको तिलक और उसका भी दूध और जल से अभिषेक करते हे।
सनातन धर्म मे नाग देवता हमारे देवताओं के साथ फोटो मे देखे जाते हे भगवान विष्णु की शेय्या भी नाग देवता और भगवान शिव के गले मे भी नाग देवता ही हे। इसी कारण नागपंचमी का महत्व बहुत अधिक हे। इन्ही करणो से नाग देवता को सनातन धर्म मे विशेष स्थान दिया हुवा हे। नाग पंचमी का दिन नाग देवताओं को समर्पित है। इनकी आराधना से शिव, विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कहीं-कहीं जगह पर ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन लोहे के तवे पर रोटी नहीं बननी चाहिए। नाग पंचमी के दिन लोहे की तरह पर उल्टी बनाने को अशुभ माना जाता है। तवे का इस्तेमाल किया जाता है उसे नाग के फन से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में नाग पंचमी पर चूल्हे पर तवा रखने से नाग देवता नाराज हो सकते हैं। साथ ही तवे को राहु के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है और नाग पंचमी पर इसके इस्तेमाल से कुंडली में राहु ग्रह का प्रभाव बढ़ सकता है। ऐसे में नाग पंचमी पर तवे पर रोटी बनाने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। राहु के नकारात्मक प्रभाव से जीवन में काफी उथल-पुथल होने लगती है। इस नकारात्मक ऊर्जा से व्यक्ति जीवन में तरक्की नहीं कर पाता है और उसके बने-बनाए काम भी बिगड़े लग जाते हैं।