पाकिस्तान क्रिकेट एक बार फिर से विवादों में घिर गया है, जब पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर बासित अली ने दिग्गज खिलाड़ी शोएब मलिक पर मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह आरोप 19 साल पहले 2005 में खेले गए नेशनल टी20 कप के एक मैच से जुड़े हैं। बासित अली ने अपने यूट्यूब चैनल पर दावा किया कि उस मैच में शोएब मलिक ने जानबूझकर अपनी टीम सियालकोट स्टालियंस को हराया था।
2005 का विवादित मैच
विवादित मैच सियालकोट स्टालियंस और कराची जेब्राज के बीच हुआ था। उस समय स्टालियंस के कप्तान शोएब मलिक थे और उनकी टीम को अंतिम चार ओवरों में केवल 25 रन चाहिए थे। मलिक ने 53 गेंदों में 88 रन की शानदार पारी खेली थी और नाबाद थे, लेकिन फिर भी उनकी टीम 4 रन से हार गई। इस हार ने मलिक की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए थे, क्योंकि मैच की स्थिति को देखते हुए स्टालियंस की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। उस समय भी मलिक की पारी और उनके फैसलों को लेकर कई सवाल उठाए गए थे, और अब बासित अली ने इसे फिर से हवा दी है।
शोएब मलिक का बचाव और आलोचना
उस मैच के बाद शोएब मलिक ने अपनी पारी का बचाव करने की कोशिश की थी और कहा था कि उन्होंने टीम की जीत के लिए पूरी कोशिश की थी। लेकिन उस समय भी लोग उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं हो पाए थे। मलिक पर जुर्माना भी लगाया गया था, लेकिन यह विवाद धीरे-धीरे ठंडा पड़ गया। अब इतने सालों बाद बासित अली ने इस मामले को फिर से उठाकर पाकिस्तान क्रिकेट में एक बार फिर फिक्सिंग की बहस को जन्म दे दिया है।
बासित अली ने सिर्फ मलिक पर ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) पर भी निशाना साधा है। उन्होंने मलिक को 2024 चैंपियंस वनडे कप में सियालकोट स्टालियंस का मेंटॉर बनाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। बासित के अनुसार, जिस खिलाड़ी पर कभी फिक्सिंग के आरोप लगे थे, उसे मेंटॉर बनाने से गलत संदेश जाता है।
पाकिस्तान क्रिकेट और फिक्सिंग का पुराना नाता
पाकिस्तान क्रिकेट का मैच फिक्सिंग से पुराना और बदनुमा रिश्ता रहा है। सबसे बड़ा विवाद 2010 में हुआ था जब मोहम्मद आसिफ, सलमान बट और मोहम्मद आमिर पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे। इस स्कैंडल ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान की साख को नुकसान पहुंचाया था। इसके अलावा मोहम्मद इरफान, खालिद लतीफ और आकिब जावेद जैसे खिलाड़ियों के नाम भी फिक्सिंग विवादों में जुड़े रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने कई बार खिलाड़ियों पर सख्त कार्रवाई की है, लेकिन इन मामलों का पूरी तरह से खात्मा करना अब तक मुश्किल साबित हुआ है।
शोएब मलिक पर लगे ताजा आरोपों ने एक बार फिर पाकिस्तान क्रिकेट को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बासित अली के इन दावों ने पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया है और यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या पाकिस्तान क्रिकेट फिक्सिंग के इस कलंक से कभी मुक्त हो पाएगा?