वीरेंद्र शर्मा (AUTOMOBIL EXPERT )
फोर्ड मोटर कंपनी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तमिलनाडु सरकार को अपने चेन्नई प्लांट को फिर से चालू करने का इरादा पत्र (LOI) प्रस्तुत किया है। इस प्लांट का इस्तेमाल निर्यात बाजारों के लिए वाहनों के उत्पादन हेतु किया जाएगा। हालांकि, कंपनी ने यह स्पष्ट किया कि प्लांट में किस प्रकार के वाहनों का उत्पादन किया जाएगा, इसका विवरण आने वाले समय में साझा किया जाएगा।
Ford+ ग्रोथ इनिशिएटिव का हिस्सा
यह निर्णय फोर्ड के वैश्विक Ford+ ग्रोथ इनिशिएटिव का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कंपनी की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति को मजबूत करना है। इस इनिशिएटिव के तहत, कंपनी अपने वैश्विक उत्पादन सुविधाओं का लाभ उठाकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने की योजना बना रही है। चेन्नई प्लांट का पुन: संचालन फोर्ड के लिए भारत में अपने निवेश को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
तमिलनाडु सरकार के साथ सफल बैठक के बाद निर्णय
हाल ही में अमेरिका में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और फोर्ड के नेतृत्व के बीच हुई एक बैठक के बाद यह घोषणा की गई है। इस बैठक में कंपनी और राज्य सरकार के बीच चेन्नई प्लांट को फिर से चालू करने के लिए सफलतापूर्वक चर्चा हुई थी। फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के अध्यक्ष के हार्ट ने तमिलनाडु सरकार के समर्थन की सराहना की और इस कदम को भारत के प्रति कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के रूप में देखा।
नई नौकरियों की संभावना
फोर्ड के इस निर्णय से तमिलनाडु में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कंपनी अगले तीन वर्षों में 2,500 से 3,000 नई नौकरियां सृजित करने की योजना बना रही है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वर्तमान में, फोर्ड तमिलनाडु में ग्लोबल बिजनेस ऑपरेशन्स के तहत 12,000 कर्मचारियों को रोजगार देता है, और यह संख्या आने वाले वर्षों में बढ़ने की संभावना है।
फोर्ड की भारत में निरंतर प्रतिबद्धता
भले ही फोर्ड ने भारत में घरेलू वाहन बिक्री बंद कर दी हो, लेकिन कंपनी अभी भी अपने एक मिलियन भारतीय ग्राहकों को आफ्टरमार्केट पार्ट्स, सर्विस, और वारंटी कवरेज के माध्यम से सेवा प्रदान करती रहेगी। इसके अलावा, इंजन उत्पादन के साथ, भारत में फोर्ड की दूसरी सबसे बड़ी वेतनभोगी कार्यबल है, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनी हुई है।
फोर्ड का यह कदम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो यह दर्शाता है कि भारत की उत्पादन क्षमताओं और विशेषज्ञता का वैश्विक स्तर पर अधिक उपयोग किया जाएगा।