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ड्रग्स का कहर: युवाओं में बढ़ती लत और बढ़ते अपराध, पंजाब के बाद उड़ता हरियाणा 3 करोड़ रुपये की ड्रग्स और 2,245 गिरफ्तारियां।

गिरिराज शर्मा ( सामाजिक विश्लेशक )

हरियाणा में ड्रग्स की समस्या एक विकट स्थिति में पहुँच चुकी है, खासकर राज्य के आठ जिलों में। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पाँच वर्षों में ड्रग्स से संबंधित मामलों में दर्ज किए गए 86.7% केस केवल इन आठ जिलों में पाए गए हैं। इन जिलों में पंचकुला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, फतेहाबाद, सिरसा, कैथल, और हिसार शामिल हैं। यह आंकड़े राज्य में मादक पदार्थों के प्रसार की गंभीरता को दर्शाते हैं और यह साबित करते हैं कि ड्रग्स की समस्या सिर्फ कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैल चुकी है।

ड्रग्स के प्रसार से बढ़ते सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

इन आठ जिलों में ड्रग्स के मामले न केवल अधिक मात्रा में रिपोर्ट हुए हैं, बल्कि इन जिलों में ड्रग्स की तस्करी, व्यापार और उपयोग में भी भारी वृद्धि देखी गई है। यह समस्या युवाओं में नशे की लत, अपराध दर में वृद्धि और सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं में भी इज़ाफ़ा कर रही है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस समस्या से निपटने के लिए तेजी से कार्यवाही करने की आवश्यकता है, जिससे ड्रग्स के प्रसार को रोका जा सके।

ड्रग्स की जब्ती और अपराध की दर

पिछले छह महीनों के दौरान, हरियाणा में 3 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई है। यह आंकड़ा दिखाता है कि राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी और वितरण एक बड़ी समस्या है। इस अवधि में 1,621 केस दर्ज किए गए, जिनमें 2,245 लोगों की गिरफ्तारी हुई और 428 दोषी पाए गए। इस दौरान 5 लाख टैबलेट्स, कैप्सूल्स, इंजेक्शन, और मेडिकल बॉटल्स जब्त किए गए, जिनका इस्तेमाल ड्रग्स के रूप में किया जा रहा था।

जबरदस्त मात्रा में मादक पदार्थों की पकड़

जब्त की गई वस्तुओं में 6,770 किलोग्राम अफीम का भूसा, 3,745 किलोग्राम गांजा, 324 किलोग्राम अफीम के पौधे, 139 किलोग्राम अफीम, 73.7 किलोग्राम चरस, 13.4 किलोग्राम हेरोइन, 251 ग्राम LSD, 16 ग्राम कोकीन, और 11 ग्राम MDMA शामिल हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में केवल पारंपरिक नशे की वस्तुएं ही नहीं, बल्कि सिंथेटिक ड्रग्स भी बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो रही हैं।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम और भविष्य की चुनौतियाँ

2023 में अब तक 3,757 मामले दर्ज किए गए हैं, और कुल 5,350 गिरफ्तारी की जा चुकी है। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 15 जेलों में नशा मुक्ति केंद्र खोले हैं, जिससे ड्रग्स के आदी लोगों को पुनर्वास की सुविधा मिल सके। हालांकि, यह समस्या अभी भी गंभीर है और इसके समाधान के लिए और भी कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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