जोधपुर नगर निगम उत्तर ने एक बार फिर से पहाड़ी क्षेत्रों और संकरी गलियों में कचरा उठाने के लिए गधों का टेंडर जारी किया है। इस बार 83 लाख 95 हजार 200 रुपये का टेंडर दो साल के लिए निकाला गया है। यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन ब्रह्मपुरी सहित कई क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से गधों के जरिए ही कचरा उठाने का काम हो रहा है। निगम उत्तर हर एक-दो साल में गधों के लिए टेंडर जारी करता है, ताकि उन क्षेत्रों में सफाई हो सके, जहां बड़े वाहनों की पहुंच नहीं है।
नगर निगम उत्तर के करीब 10 वार्ड ऐसे हैं, जहां निगम की सफाई टैक्सियां या ऑटो टिपर नहीं जा सकते। ऐसे में इन क्षेत्रों में सफाई के लिए गधों का सहारा लिया जाता है। जबकि पूरे जोधपुर शहर में घर-घर कचरा संग्रहण के लिए दो कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन जिन इलाकों में गधों से कचरा उठाया जाता है, वहां अभी तक कोई आधुनिक व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है।
इस मुद्दे पर जोधपुर शहर के विधायक अतुल भंसाली ने भी नगर निगम की बोर्ड बैठक में गधों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की थी। पिछले एक दशक से इन वार्डों में कोई नई योजना नहीं बनाई गई है। इस बार निगम ने सफाई में कोई रुकावट न हो, इसलिए गधों की संख्या में भी इजाफा किया है।
जोधपुर नगर निगम उत्तर के इस कदम ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शहर के कुछ क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था आधुनिक तरीकों से नहीं की जा सकती?