केरल के मलप्पुरम जिले में मंकीपॉक्स संक्रमण का एक नया मामला सामने आया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह मामला हाल ही में विदेश से लौटे एक व्यक्ति में पाया गया है। व्यक्ति कुछ दिन पहले ही राज्य में लौटा था और बीमार पड़ गया। शुरुआत में उसे मलप्पुरम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उसे मंजेरी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसका उपचार जारी है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इस व्यक्ति के नमूने को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज भेजा गया है और फिलहाल परीक्षण के परिणामों का इंतजार किया जा रहा है।
इससे पहले तिरुवनंतपुरम में मंकीपॉक्स का एक और मामला दर्ज किया गया था। हरियाणा के हिसार जिले के 26 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। उस व्यक्ति को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
भारत में मंकीपॉक्स के मामलों की स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जुलाई 2022 से लेकर अब तक देश में कुल 30 मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं। मंकीपॉक्स वायरस को अब ‘एमपॉक्स’ के नाम से जाना जाता है। हिसार का 26 वर्षीय व्यक्ति पश्चिम अफ्रीकी क्लैड-2 के एमपॉक्स वायरस से संक्रमित पाया गया। यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से फैलता है। मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर दाने, और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। आमतौर पर यह संक्रमण स्वसीमित होता है, यानी उचित चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन से मरीज ठीक हो जाते हैं।
डब्ल्यूएचओ की चिंता और पब्लिक हेल्थ अलर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में अफ्रीका में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की थी। WHO ने इसे ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न’ घोषित किया है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा अलर्ट है और इसका मतलब है कि मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए सभी देशों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। इसके बावजूद, मंकीपॉक्स एक घातक बीमारी नहीं है और इसे ठीक किया जा सकता है।
निपाह वायरस का खतरा और सतर्कता
इस बीच, केरल में निपाह वायरस का खतरा भी बरकरार है। हाल ही में 9 सितंबर को, निपाह वायरस से एक 24 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने मलप्पुरम में कई स्थानों को नियंत्रण क्षेत्र घोषित कर दिया। निपाह वायरस की पुष्टि कोझिकोड जिले में हुई थी, जो पहले भी इस घातक वायरस का केंद्र रहा है। 2018, 2021 और 2023 में भी यहां निपाह वायरस का प्रकोप देखा गया था।
चमगादड़ों में पाए जाने वाले निपाह वायरस के संक्रमण के मामलों को देखते हुए, कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों में जांच की जा रही है। इन जिलों में चमगादड़ों में निपाह वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति पाई गई है, जिससे स्थानीय प्रशासन अधिक सतर्क हो गया है। केरल राज्य सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स और निपाह दोनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है।
मंकीपॉक्स के इस नए मामले के बाद, केरल सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों को और अधिक सख्त कर दिया है। विदेशी यात्रियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उनमें किसी भी संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत परीक्षण और आइसोलेशन की व्यवस्था की जा रही है।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें और संक्रमण से बचने के लिए जरूरी एहतियात बरतें।