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चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध घोषित।

भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए इसे कठोर अपराध घोषित किया है। कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना, डाउनलोड करना या किसी भी रूप में प्रसारित करना पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) के तहत गंभीर अपराध है। कोर्ट के इस फैसले के बाद चाइल्ड पोर्नोग्राफी में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है चाइल्ड पोर्नोग्राफी?

चाइल्ड पोर्नोग्राफी में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन क्रियाओं में दिखाया जाता है। उनकी नग्न तस्वीरें या वीडियो किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या अन्य तरीकों से प्रकाशित करना, प्रसारित करना, या दूसरों को भेजना अपराध की श्रेणी में आता है। केंद्र सरकार ने इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए साल 2019 में पॉक्सो एक्ट में संशोधन किया था।

कानून

पॉक्सो एक्ट की धारा 14 और 15 के तहत, यदि कोई व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी का उत्पादन, प्रसार, वितरण, या प्रचार करता है, तो उसे तीन साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, यदि कोई चाइल्ड पोर्नोग्राफी को व्यावसायिक उद्देश्य (जैसे बेचना या खरीदना) के लिए रखता है, तो उसे भी कम से कम तीन साल की सजा या जुर्माना भुगतना होगा। अगर वही व्यक्ति दोबारा अपराध करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसकी सजा बढ़ाकर पांच से सात साल तक हो सकती है।

ऑनलाइन पोर्नोग्राफी और भारतीय कानून

भारत में ऑनलाइन पोर्न देखना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत पोर्न वीडियो बनाना, प्रकाशित करना, या प्रसारित करना अवैध है। इस कानून की धारा 67 और 67A के तहत अपराधियों को तीन साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 292, 293, 500, और 506 में भी इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए प्रावधान हैं।

भारत में पोर्नोग्राफी का बढ़ता बाजार

भारत में पोर्नोग्राफी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और 2026 तक देश में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या 120 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय औसतन एक बार में 8 मिनट 39 सेकेंड तक पोर्न वेबसाइट पर समय बिताता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पोर्न देखने वालों में 44% की उम्र 18 से 24 साल के बीच है, जबकि 41% लोग 25 से 34 साल के हैं।गूगल की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, पोर्न देखने के मामले में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है। वहीं, पोर्नहब वेबसाइट पर भारतीय उपयोगकर्ताओं का स्थान तीसरा है। यह दर्शाता है कि भारत में पोर्न सामग्री की खपत लगातार बढ़ रही है, खासकर युवाओं के बीच।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक सख्त संदेश है कि देश में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बच्चों का शोषण करने वाले अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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